इस दुनिया से कुछ देर जुदा हो जाइये
मेरे लफ़्ज़ों में जरा खो जाइये
मै निकला हूँ तलाश- ए -जिंदगी मे
इस सफ़र मे आप भी शामिल हो जाइये
अपने लेखन को आप तक पहुंचाते हुए बहुत पहले लिखी उपरोक्त पंक्तियां फिर जहन मे उतर आई। लेखक या कवि होना अपने आप मे एक बड़ी बात है । ऐसा दावा फिलहाल मै नहीं कर सकता क्योंकि इस दिशा मे अभी बहुत कुछ सीखने की जरुरत महसूस करता हूँ । हाँ रोजमर्रा की जिंदगी जो प्रश्न मेरे सामने खड़े करती रही, उनके जवाब तलाशने की कोशिश मे जो कुछ लिखा उसे ब्लॉग के माध्यम से आपके सामने रखूँगा । वासु रितु जी का विशेष आभारी हूँ जिन्होंने मुझे ब्लॉग लिखने के लिए प्रेरित किया । आशा करता हूँ कि आपके मार्गदर्शन से लेखन मे और सुधार कर सकूँगा । अपने अब तक के कार्य और जीवन के लिए ईश्वर का और उन लोगो का जिन्हें ईश्वर ने मेरे जीवन को सरल बनाने के लिए और कुछ सार्थक व रचनात्मक करने के लिए समय- समय पर प्रेरित करने के लिए माध्यम बनाकर मेरे जीवन मे भेजा, मै सदा आभारी रहूँगा। कृपया अपनी मूल्यवान राय देते रहें।
आपका
राजेश शर्मा
bahut ache..
ReplyDeleteराजेश जी
ReplyDeleteबहुत अच्छा किये की ब्लॉग शुरू कर दिए। सेल्फ पब्लिशिंग का बहुत अछा ज़रिया है।
बस एक बात . इस ब्लॉग को फॉलो करने का एक widget होगा सेटिंग्स में , उसको दाल दिज्ये और जितना हो सके इसमें सोशल नेटवर्किंग करने का चीज़ दाल दीजये .
बहुत अच्छा लिखते हैं आप। लिखते रहिये। और कुछ बुक फॉर्म में पब्लिशिंग का भी कोशिश कीजये. मैं भी पिछले दो साल से एक नोवेल लिखने के चक्कर में हूँ, देखते हैं कहाँ तक सफलता मिलती है .
बेस्ट ऑफ़ लक
Computer par devanaagree lipee ke maatraaghaat ke saath samjhauta karne ki kaushish kar rahaa hun. Lekhak "Phir dum" likhatee hain aur padane waala "Freedom" padataa hai. Rajesh ke is blog ke maadhyam se meraa kuchh abhyaas ho jaayegaa!
ReplyDeleteShukriya Praveen ji.
ReplyDeleteShukriya Shashi Ji
ReplyDeleteha ha ha ha. theek hai Dr. Saab. Thx.
ReplyDeleteis safar mein shaamil hona sukoondayak hai :)
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