Tuesday, 4 June 2013

शान्ति

शब्दों को 
रहस्यमय मौन निगल गया 
भावनाओं ने 
समाधी ले ली 
संवेदनाएं 
शून्य मे समा गई 
---------------------Rajesh Sharma

2 comments:

  1. चंद शब्द ..गहरे हैं....पर अपडेट करते रहा कीजिए....दो रचानाओं में इतना अंतर उचित नहीं है

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  2. औऱ मॉडरेटर भी हटा लें....

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