जीवन के तमाम पहलुओं को समेटे हुए साहित्य की सरिता निरंतर बहती रहती है। इसी बहाव की एक धारा के रूप मे 'चल फकीरा' आपके सामने है। आशा है ये छोटे-छोटे प्रयास आपको पसंद आयेंगे। आपके योगदान और सुझावों का हमेशा इंतज़ार रहेगा। आपका राजेश शर्मा